पिता अमूल्य हैं। पिता अमूल्य हैं।
हम लाल लहू से जाने जाते हैं पर्वत गिरते हम पार लगाते हैं। हम जीने की कोई खबर नहीं र हम लाल लहू से जाने जाते हैं पर्वत गिरते हम पार लगाते हैं। हम जीने की क...
सांसे तेरे लिए यारा मेरी चलने लगी, बात बढ़ने लगी, मोहब्बत होने लगी, मन में तेरे लिए सांसे तेरे लिए यारा मेरी चलने लगी, बात बढ़ने लगी, मोहब्बत होने लगी, मन ...
जब यह सारा ही ज़माना सो जाता है तब हम जागते हैं जब हमारा ये दिल तन्हा हो जाता है तब हम जब यह सारा ही ज़माना सो जाता है तब हम जागते हैं जब हमारा ये दिल तन्हा हो जाता...
नजर में विज्ञान की उपलब्धियां हैं कामना में तुम हो ख्वाहिश भी तुम्हारी है। नजर में विज्ञान की उपलब्धियां हैं कामना में तुम हो ख्वाहिश भी तुम्हारी है।
हमारी आत्मनिष्ठा ही हमें आजादी का सन्देश दे रही है हमें मनुष्यता से जोड़ रही है। हमारी आत्मनिष्ठा ही हमें आजादी का सन्देश दे रही है हमें मनुष्यता से जोड़...